मूल शोध से एक सौर ऊर्जा प्रणाली का विकास किया गया है जो साफ पानी और स्वच्छ हाइड्रोजन ईंधन का निर्माण करती है। यह उपकरण कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने विकसित किया है और इसका प्रमुख लक्ष्य दुनिया भर में जल स्रोतों से उच्च प्रदूषित पानी और समुद्री जल को शुद्ध हाइड्रोजन ईंधन और शुद्ध पानी में बदलना है। इस नई प्रौद्योगिकी में, सौर ऊर्जा से चलने वाला यह उपकरण ऑफ-ग्रिड या संसाधन-सीमित क्षेत्रों में उपयोगी हो सकता है और इसके लिए किसी बाहरी बिजली की आवश्यकता नहीं होती।
यह उपकरण सौर संचालित जल विभाजन पर आधारित है जो पानी को हाइड्रोजन और ऑक्सीजन में विभाजित करता है, और यह तकनीक संदर्भ में प्राकृतिक प्रक्रिया से प्रेरित है। इसे अनुसंधान और प्रयोगशीलता के माध्यम से अनुमानित किया गया कि यह प्रदूषित पानी, समुद्री जल और ब्रिटेन के कैम नदी के पानी को भी शुद्ध पानी में परिवर्तित कर सकता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि इस उपकरण की महत्त्वपूर्ण खासियत यह है कि यह दूषित पानी का उपयोग करके उत्पन्न हो रहे हाइड्रोजन ईंधन का निर्माण करता है, साथ ही स्वच्छ पेयजल भी उत्पन्न करता है। उन्होंने इस तकनीक की सक्षमता को टेस्ट करने के लिए विभिन्न जल स्रोतों पर परीक्षण किया और यह प्रदूषित जल, समुद्री जल, और कैम नदी के पानी को शुद्धिकरण कर सकता है। इस उपकरण का डिज़ाइन नैनोस्ट्रक्चर कार्बन जाल पर आधारित है, जिसमें फोटोकैटलिस्ट अपना कार्य करता है और जल वाष्प को उत्पन्न करता है।
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह उपकरण सूर्य की ऊर्जा का उपयोग करता है और इसके लिए सौर स्पेक्ट्रम के केवल छोटे हिस्से की जरुरत होती है। उन्होंने इस तकनीक के जरिए पानी को विभाजित करके हाइड्रोजन उत्पादन करने के लिए एक फ्लोटिंग डिवाइस का डिज़ाइन किया है। इससे संसाधनों के सही उपयोग से साफ पेयजल और हाइड्रोजन ईंधन का उत्पाद