तो उनकी कमी हर छोटी-बड़ी चीज़ में महसूस होती है। उनके प्यार, मार्गदर्शन और समर्थन की यादें हमारे दिल में हमेशा जीवित रहती हैं।
पिता का स्नेह कई बार शब्दों में नहीं बयां किया जा सकता, लेकिन उनकी अनुपस्थिति में हमें महसूस होता है कि उनका हमारे जीवन में कितना महत्वपूर्ण योगदान था। “मिस यू डैडी” कहना केवल उनकी याद में आंसू बहाना नहीं, बल्कि उनकी दी गई सीख और उनके साथ बिताए हुए पलों की कद्र करना भी है।
उनके साथ बिताए गए हर पल—चाहे वो स्कूल के पहले दिन की याद हो, या किसी खेल में मिली जीत—आज भी मन में ताज़ा रहते हैं। पिता की कमी जीवन के हर छोटे-बड़े मोड़ पर महसूस होती है, खासकर जब हमें उनके सुझाव या हौसला बढ़ाने वाले शब्दों की ज़रूरत होती है।
यादों में बसे पिता हमेशा हमारे जीवन का एक हिस्सा रहेंगे। उनके बिना जीवन आगे बढ़ता है, लेकिन उनके दिए हुए संस्कार और प्यार हमेशा हमारे साथ रहते हैं।